भारत में खेती, किसान की रीढ़ ट्रैक्टर माने जाते हैं। छोटे से बड़े हर किसान के लिए यह सिर्फ एक मशीन नहीं बल्कि खेती का साथी है। ऐसे में जब ट्रैक्टर और उसके पार्ट्स महंगे हो जाते हैं तो सीधे किसान की जेब पर असर पड़ता है। लेकिन अब किसानों के लिए राहत भरी खबर आई है। सरकार ने घोषणा की है कि ट्रैक्टर और कृषि यंत्रों पर जीएसटी दर घटाकर सिर्फ 5% कर दी गई है।
यह फैसला दीपावली से पहले किसानों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। पहले किसानों को ट्रैक्टर और उसके स्पेयर पार्ट्स पर 12% तक जीएसटी देना पड़ता था, लेकिन अब यह आधा रह गया है। इसका सीधा असर ट्रैक्टर की कीमत, मरम्मत की लागत और कृषि खर्च पर पड़ेगा।
पहले – ट्रैक्टर पार्ट्स, टायर, हाइड्रॉलिक पंप, स्प्रिंकलर आदि पर 12% जीएसटी लगता था।
अब – वही सब आइटम सिर्फ 5% जीएसटी पर मिलेंगे।
इस बदलाव से न सिर्फ नए ट्रैक्टर बल्कि उनके स्पेयर पार्ट्स और रिपेयर की लागत भी कम हो जाएगी।
अगर किसी किसान को 8 लाख रुपये का ट्रैक्टर खरीदना है, तो पहले उसे 12% टैक्स देना पड़ता था। अब यह टैक्स 5% होने से लगभग 40,000 रुपये तक की सीधी बचत होगी।
ट्रैक्टर की सर्विसिंग और रिपेयर में टायर, गियर, इंजन पार्ट्स और हाइड्रॉलिक उपकरण शामिल होते हैं। अब इन पर जीएसटी घटने से रिपेयर का खर्च कम हो जाएगा।
भारत के करीब 86% किसान छोटे और मझोले वर्ग में आते हैं। उनके लिए ट्रैक्टर खरीदना या उसका रखरखाव पहले भारी खर्चा था। अब यह कटौती उनके लिए मशीनीकरण को आसान बनाएगी।
ट्रैक्टर सस्ते होने का मतलब है – जुताई, बुआई, सिंचाई और कटाई का खर्च घटेगा। इससे खेती की कुल लागत कम होगी और किसान की आमदनी पर सीधा असर पड़ेगा।
भारत दुनिया में ट्रैक्टर उत्पादन और बिक्री में नंबर वन देश है।
हर साल लगभग 9 लाख से ज्यादा ट्रैक्टर भारत में बिकते हैं।
गेहूं, धान, गन्ना और कपास जैसी फसलों में ट्रैक्टर सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं।
ग्रामीण इलाकों में ट्रैक्टर सिर्फ खेती नहीं बल्कि परिवहन के लिए भी इस्तेमाल होता है।
ट्रैक्टर महंगे होने से किसानों की उत्पादन लागत बढ़ती है, जबकि सस्ते होने से मशीनीकरण तेज़ी से बढ़ सकता है।
कृषि क्षेत्र का भारत की जीडीपी में करीब 18% योगदान है। ट्रैक्टर और कृषि मशीनरी की कीमतें घटने से:
ट्रैक्टर की बिक्री बढ़ेगी।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
कृषि उपकरण बनाने वाली कंपनियों को भी फायदा मिलेगा।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, “यह फैसला किसानों के लिए लंबी अवधि में लाभकारी है। खेती का बोझ घटेगा और छोटे किसान भी अब ट्रैक्टर खरीदने के लिए प्रेरित होंगे। ट्रैक्टर कंपनियों की बिक्री बढ़ेगी जिससे रोजगार भी पैदा होंगे।”
त्यौहार से पहले सरकार का यह कदम किसानों के लिए बड़ा तोहफा है। अब ट्रैक्टर खरीदना और उसकी देखभाल करना आसान होगा। जीएसटी दर घटने से न केवल किसानों की लागत घटेगी बल्कि खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ेगा।
कह सकते हैं कि यह फैसला किसानों, ट्रैक्टर कंपनियों और पूरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए गेम-चेंजर साबित होगा।
PIB Press Release – GST rate changes on agricultural machinery, tractors
Business Standard – GST cut on farm equipment, tractors, fertiliser
India Today – GST rate cut benefits farmers, tractors affordable
अब ट्रैक्टर और उसके प्रमुख पार्ट्स पर सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा। पहले यह दर 12% थी।
अगर कोई किसान 8 लाख रुपये का ट्रैक्टर खरीदता है, तो 12% की जगह 5% जीएसटी लगने से उसे करीब 40,000 रुपये तक की बचत होगी।
हाँ, ट्रैक्टर के टायर, हाइड्रॉलिक पंप, गियर और अन्य स्पेयर पार्ट्स पर भी अब 5% जीएसटी ही लगेगा।
सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार यह बदलाव सितंबर 2025 से लागू हो गया है।
इस फैसले से छोटे और मझोले किसानों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी क्योंकि उनके लिए ट्रैक्टर खरीदने और उसकी देखभाल करने का खर्च काफी कम हो जाएगा।
ट्रैक्टर सस्ते होने से खेती की लागत घटेगी, उत्पादन बढ़ेगा और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ेगा।